ब्रह्मलीन महन्त ,बाबा रघुनाथ दास महाराज

यह मंदिर अपने स्थापना काल से ही क्षेत्र की पीङित मानवता उद्धार के लिए आस्था विस्वाश व आंतरिक ऊर्जा का ही क्षेत्र का केंद्र रहा चिकित्सा व पशु सेवा के माध्यम बना के क्षेत्रीय लोगो के उथान का मार्ग प्रसस्थ इस तपोस्थि की स्थापना करने वाले बाबा रामफल दास ने सबसे पहले प्रसिद्ध हनुमान गणि की स्थापना की इनके शिष्य ब्रह्मलीन संत बाबा रघुनाथ दास ने अपनी तपस्या व चिकित्सा सेवा के बल पर मंदिर को धर्मिकता साथ समाजिक के साथ सामाजिक सेवा केंद्र बना दिया