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ब्रह्मलीन महन्त
बाबा रघुनाथ दास महाराजयह मंदिर अपने स्थापना काल से ही क्षेत्र की पीङित मानवता उद्धार के लिए आस्था विस्वाश व आंतरिक ऊर्जा का ही क्षेत्र का केंद्र रहा चिकित्सा व पशु सेवा के माध्यम बना के क्षेत्रीय लोगो के उथान का मार्ग प्रसस्थ इस तपोस्थि की स्थापना करने वाले बाबा रामफल दास ने सबसे पहले प्रसिद्ध हनुमान गणि की स्थापना की इनके शिष्य ब्रह्मलीन संत बाबा रघुनाथ दास ने अपनी तपस्या व चिकित्सा सेवा के बल पर मंदिर को धर्मिकता साथ समाजिक के साथ सामाजिक सेवा केंद्र बना दिया...
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महन्त
बाबा रामदास महाराजमंदिर विकास में महान भूमिका निभाया मंदिर परम्परा का निर्वाहन करते हुऐ बिभिनन झझवाते वर्तमान महंथ बाबा रामजी दास तपश्या और चिकित्सा को ही मार्ग चुना और इन्होने मंदिर के धार्मिक सांस्कृतिक व सामाजिक विकास के विस्वाश का उत्तरोत्तर प्रयास किया इस जीवनं पुरातन मंदिर के पुरातन मंदिर के जीवनद्वार की महान कार्य क्षेत्रीय जनता एक धर्मप्रेमी बंदौआ धारणा का चूका है इस नवनिर्मित मंदिर व सत्संग भवन के प्रवेश अवसर ...
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उत्तराधिकारी महंथ
महाराज श्रीश दास जी मंदिरश्री राम का जन्म उत्सव हम राम नवमी के नाम से मनाते हैं। भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन हुआ था। त्रेता युग में अत्याचारी रावन के अत्याचारो से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था । साधू संतो का जीना मुश्किल हो गया था । अत्याचारी रावण ने अपने प्रताप से नव ग्रहों और काल को भी बंदी बना लिया था । कोई भी देव या मानव रावण का अंत नहीं कर पा रहा था । ....
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